कविता


जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


कृषक को मंडी में बिचौलियों एवं शोषण से बचाना है 
मप्र मंडी अधिनियम1972 का यही मूलमंत्र उद्देश्य है
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


कृषक लाए उपज मंडी तो, क्रेता  व्यापारी अनेक है,
ले प्रवेश-पर्ची मंडी कर्मचारी,करते खुली नीलामी है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य, सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


लगती बोली पहली उपज पर, समर्थन से ऊपर की है,
फिर भी भाव नही जमे, कृषक कर सकत इनकार है। 
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


करे दोबारा नीलाम, यह विकल्प कृषक के पास है,
मिलें उचित मूल्य तो, बेचे अनुबन्ध- पत्रक के साथ है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य, सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


करे सही तौल उपज की, तुलैया मंडी अनुज्ञप्तिधारी है,
उठाए समस्त उपज हम्माल, मंडी अनुज्ञप्तिधारी है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


इस विधि विक्रय करे तो, गडबडी की नही गुंजाइश है,
तौल-भुगतान में परेशानी,तो फौरन कर शिकायत है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


हल करने आयें समस्या, तुम्हारे पास अधिकारी है। 
दोषी तुलैया-व्यापारी बना पचंनामा करें कार्यवाही है।
जहाँ पर हो उचित मूल्य, सही तौल, नकद भुगतान है।
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


हो अगर चूक भुगतान में, प्रतिबंध होता व्यापार है ,
करे सब भुगतान, तब हो निकासी अनुज्ञा के साथ है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान, है।
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।


करे कोई  तुलैया या व्यापारी नियम विरुद्ध कार्य है,
इस मंडी अधिनियम में कठोर सजा का प्रावधान है।
जहाँ पर हो उचित-मूल्य,सही-तौल, तुरंत-भुगतान है,
वही हमारी सरकारी कृषि उपज मंडी की पहचान है ।
                                   
                              जीवन सिंह राजपूत