प्रदेशभर में वकीलों को काले कोट से राहत


हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में नहीं मिलेंगी छूट
भोपाल । प्रदेशभर के 90 हजार से ज्यादा वकीलों को 15 जुलाई तक भरी गर्मी में काले कोट से मुक्ति मिल गई है। इस संबंध में मप्र स्टेट बार काउंसिल ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक मप्र स्टेट बार काउंसिल ने एक सकुर्लर जारी किया है। इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों में काला कोट की पोशाक पहनने की बाध्यता को शिथिल करते हुए 15 जुलाई तक वकीलों को इससे छूट दी है। इस संबंध में काउंसिल की स्पेशल कमेटी की गत दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से संपन्न बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस आदेश पर अमल शुरू हो गया है और प्रदेशभर में यह वकीलों को राहत देने वाला निर्णय साबित हो रहा है। इस दौरान वकीलों को सिर्फ सफेद शर्ट व काला, सफेद, धारी या ग्रे कलर का पैंट पहनकर एडवोकेट बेंड बांधकर अदालत में पैरवी करना पड़ेगा। उन्हें नियमानुसार काला कोट नहीं पहनना पड़ेगा ,जो भरी गर्मी में उन्हें पसीने से तार-तार कर देता है। प्रदेश की कई तहसीलों व जिलों में गर्मियों के दिन में यह हालात होते हंै कि बैठक की तुलना में वकीलों की तादाद काफी ज्यादा होती है। ऐसे में उन्हें खुले बरामदे में बैठना पड़ता है या तंग जगह में काम करना पड़ता है। खासकर बिजली गुल हो जाने की दशा में उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। फिलहाल रेड जोन में होने से इंदौर में कोर्ट में कामकाज कम है। बाकी लॉकडाउन के बाद यहां के वकीलों को भी इसका आधिकाधिक फायदा मिलेगा। शेष जोन में वकीलों को इसका ज्यादा लाभ मिल रहा है। अलबत्ता सर्कुलर से यह बात भी साफ है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में उन्हें इस ढील का लाभ नहीं मिलेगा। केवल जिला कोर्ट या मातहत अदालतों में ही उन्हें पोशाक में इस तरह की छूट दी गई है।