सिंगल ग्रुप में हुआ टेंडर, तीन ठेकेदारों ने लिया भाग
भोपाल । जिले में शराब ठेकों को लेकर स्थिति साफ हो गई। सिंगल ग्रुप में हुए टेंडर में ग्वालियर के शिवहरें गु्रप ने सबसे अधिक ईबोली 595 करोड़ लगाते हुए भोपाल का ठेका ले लिया। दूसरे नंबर पर सोम ग्रुप का सेवियर ट्रेडर्स रहा। जिसने 588 करोड़ की बोली लगाई। इससे सरकार को तय लक्ष्य से 62 करोड़ रुपए का राजस्व अधिक मिला। जबकि शासन ने 533 करोड़ का लक्ष्य रखा था। दरअसल, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लाक डाउन किया गया था। इसके बाद मई जब सरकार ने शराब दुकानों को बोलने का निर्णय लिया, तब तक स्थिति बदल चुकी थी। कारण शराब दुकान खोलने के साथ ही कई शर्ते लगाई गई थी। इसके चलते शराब ठेकेदारों ने 25 फीसदी राशि कम करने की मांग सरकार से की। इसे लेकर दो दौर की बात भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद ठेकेदारों ने जून के प्रथम सप्ताह में दुकानें सरेंडर कर दी। शासन ने इसके बाद दुकानों का संचालन खुद किया फिर सात-सात दिन के ठेके पर दुकानें दे दी। हालांकि इसमें विभाग को उतनी सफलता नहीं मिली। अधिकांश दुकानों के लिए ठेकेदार ही विभाग को नहीं मिल सके। जो दुकानें गई भी, उन्हें भी बाद में ठेकेदारों ने सरेंडर कर दिया था।
पांचवी बार में मिली सफलता
शासन ने करीब चार बार टेंडर प्रक्रिया कराई। लेकिन तय लक्ष्य के आसपास भी बोली नहीं पहुंच रही थी। इसके चलते टेंडरों को होल्ड पर रखा दिया गया था। ठेकेदारों का रूझान देाने के बाद सरकार ने अस्सी फीसदी में ठेके देने का निर्णय ले लिया था। आखिरी में शासन ने सिंगल ग्रुप में टेंडर कराने का निर्णय लिया। इसमें तीन ग्रुप शामिल हुए। जिसमें सबसे अधिक शिवहरे ग्रुप ने बोली लगाते हुए ठेके ले लिए। हालांकि इसमें भोपाल के ठेकेदार शामिल नहीं हुए।
महंगी बिकेगी शराब
सोमवार को 9 माह के लिए शराब ठेके हो गए। इस बार सिंगल ग्रुप ने यह ठेका लिया है। सूत्रों की माने तो सिंगल ग्रुप होने के कारण शराब के रेट पर भी खाासा असर पड़ेगा। मोनोपाली होने के कारण रेट को लेकर प्रतिस्पर्धा नहीं रहेगी। ठेकेदार अपने हिसाब से शराब की दरों में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर सकता है। ऐसे में सुरा प्रेमियों को गला तर करने के लिए अब पहले की अपेक्षा अधिक राशि चुकानी पड़ेगी।