बच्चियों से दरिंदगी पर सीधे फांसी पर लटकाने का ऐलान
भोपाल । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुपोषण प्रदेश के माथे पर कलंक है। इसे मिटाने का काम अकेले सरकार नहीं कर सकती है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को आगे आना होगा। उन्होंने फिर दोहराया कि बच्चियों से दरिंदगी करने वालों को सीधे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन से प्रदेश में गरीब कल्याण सप्ताह मनाने की शुरुआत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंगनबाड़ियों में कुपोषित बच्चों को पौष्टिक और सुगंधित दूध वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 601 आंगनबाड़ियों के भवन का लोकार्पण करने के साथ लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के साथ महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों से बात भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण के कलंक को मिटाने लिए गुरुवार से "पोषण मिशन" का आगाज हुआ है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों में आठ लाख कुपोषित बच्चों को सुगंधित पौष्टिक दूध का वितरण होगा। इसके साथ ही कोदो-कुटकी से बनी बर्फी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान लाड़ली लक्ष्मी योजना की 1.10 लाख हितग्राही बच्चियों के खातों में 26 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की राशि जमा कराई। उन्होंने खुशी परिहार और दिया सुमन से बात की। उन्होंने बताया कि जब वे यह योजना लागू कर रहे थे तब वित्त विभाग के अधिकारी कहते थे कि इतनी राशि कहां से आएगी पर ठान लिया था तो हो गया। कई राज्य इस योजना को अपना चुके हैं। इसमें बेटियों को 21 साल का होने पर एक लाख रुपये अलग से मिलेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कार्यक्रम में कहा कि आदिवासी और अनुसूचित क्षेत्रों में ज्यादा कुपोषित बच्चे मिलते हैं। पौष्टिक दूध से कुपोषण दूर होगा। आंगनबाड़ी केंद्र में अच्छी व्यवस्था कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई मदद नहीं की थी। विभागीय प्रमुख सचिव अशोक शाह ने बताया कि अब तक 36 लाख 65 हजार बच्चियों का लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीयन हो चुका है और 76 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति भी तक दे चुकी है। पोषण नीति अगले सप्ताह से लागू होगी। जिला और ग्राम स्तर पर क्रियान्वयन किया जाएगा। लोकल उत्पाद को आंगनबाड़ी के माध्यम से बंटवाया जाएगा। पोषण सरकार बनाई जाएगी। गांव और वार्ड स्तरीय समिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के अलावा पंचायत व निकाय प्रतिनिधि, स्वसहायता समूह, शौर्या दल, स्कूल प्रबंधन, वन समिति के सदस्यों के साथ गणमान्य नागरिक होंगे जो पोषण नीति को लागू करवाएंगे। आंगनबाड़ी में साप्ताहिक भोजन व्यवस्था लागू हो सकती है यानी ग्रामीण अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ या अन्य अवसर पर अपनी ओर से पौष्टिक भोजन या सामग्री का वितरण करा सकता है।अन्नपूर्णा पंचायत बनाई जाएगी। इसमें गांव की आंगनबाड़ी में पोषण मटका रखा जाएगा। ग्रामीण इसमें सब्जी, फल या अन्य चीजें रख सकते हैं, जो कुपोषित बच्चों के काम आएगी। दूध का दान भी हो सकता है।
कुपोषण प्रदेश के माथे पर कलंक:शिवराज सिंह चौहान